پوری دلی میں 827 وقف مساجد لیکن صرف 193 ہی وقف بورڈ کے کنٹرول میں

سب سے بڑا مسئلہ یہ ہے کہ ہم اپنی وقف املاک کو لے کر تبھی جاگتے ہیں جب وہ ہمارے ہاتھ سے نکل جاتا ہے۔ وقف کی مسجدوں کو لے کر بھی ہمارا یہی رویہ ہے۔ بتادیں کہ دلی وقف بورڈ سے آر ٹی آئی کے ذریعے حاصل کردہ اہم دستاویزات سے پتہ چلتا ہے […]

وقف کی مساجد غیر مسلموں کو لیز پر

آج آرٹیکل 14 نامی ایک ویب سائٹ نے ایک اسٹوری شائع کی ہے۔ اس اسٹوری میں بتایا گیا ہے کہ کس طرح ہندوستان میں مسلمانوں کا نماز پڑھنا، کاروبار کرنا، گوشت کھانا، محبت کرنا، حتیٰ کہ پانی پینا بھی مشکل ہوتا جارہا ہے۔ خاص بات یہ ہے کہ یہ اسٹوری دلی میں مقیم ایک وکیل […]

کیا نیٹ کوالیفائی کرنے والا ہر طالب علم ڈاکٹر بن جاتا ہے؟

سوشل میڈیا پر گزشتہ کچھ دنوں سے مسلسل مقابلہ جاتی امتحان نیٹ (NEET) کوالیفائی کرنے والے طلبا اور ان تنظیموں و کوچنگ سنٹروں کی خوب تعریف ہورہی ہے۔ ہر کوئی خوشی سے شرابور ہے۔ ہو بھی کیوں نہ بھلا؟ آخر اس بار ہزاروں کی تعداد میں ہماری قوم کے بچے ڈاکٹر جو بننے جا رہے […]

कोहरे की रातों में कुल्हड़ से उठते भाप का ज़ायका ही कुछ और था…

काश! ज़िन्दगी के इन चोंचलों की जगह ख़ुशनुमा उम्मीद की एक राय होती… काश! कुल्हड़ की वो चाय होती काश! वो दौर होता जब सड़क किनारे खड़े होकर देश-दुनिया की सियासत की बातें करते थे   यक़ीन मानिए! धूल से लथपथ सड़क पर अपने देसी दोस्तों के साथ खड़े होकर चाय पीने का मज़ा ही […]

रोटी-दाल… या फिर अबीर गुलाल?

भारत… यहां तो हर दिन होली है!   आतंकी खेलते हैं बेगुनाहों के ख़ून से तथाकथित गौ-रक्षक मुसलमानों के ख़ून से और ‘देशभक्त’ व ‘दंगाई’ अपनों का ही लाल रंग बेरंग पानी में बहा देते हैं!   कोई सुबह ऐसी नहीं… जब ख़बरों में छाया नोटों का रंग या दहेज़ के सोने का पीलापन किसी […]

पीएचडी करने का इरादा अपने दिल से हमेशा-हमेशा के लिए निकाल दिया…

ये कहानी मेरे एक दोस्त के रिश्तेदार की है. उत्तर प्रदेश में वो अपने कॉलेज की टॉपर थी. जेआरएफ़ भी निकाल लिया. अब पीएचडी के लिए यूपी की एक यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर से मुलाक़ात की. उन्होंने वादा किया कि इस बार तुम्हारा सेलेक्शन तय है… अब प्रोपोज़ल के नाम पर प्रोफ़ेसर साहब बार-बार उसे बुलाने […]

पीएचडी स्कॉलर्स की कहानियां…

पीएचडी में दाख़िला छोड़ने वाली पोस्ट के बाद मुझे दर्जनों लोगों ने कॉल किया और अपनी कहानी सुनाई. बताया कि उन्होंने किस तरह के शोषण को झेला है. सोच रहा हूं कि उनमें से कुछ कहानियों को आपके सामने रख दिया जाए. क्या आपकी इसमें दिलचस्पी है? नोट : यहां यह भी स्पष्ट रहे कि […]

अच्छा सुनो! मेरे हिस्से इस रात की रजिस्ट्री कर दो!

रात को मेरा शहर कितना बड़ा हो जाता है एकदम बूढ़ी गंडक के पानी सा… इतिहास की तैरती नावों की क़तारों सा   चौड़ी और फैली फैली सड़कें… हॉर्न की चिलम पों से दूर, ख़ामोश सोते रास्ते वक़्त की किसी ख़ामोश सी नदी में  जैसे अलसाए लम्हों का कोई कमल खिला हो   बाज़ार सब […]